| ستايش سلطان محمود | ||
| چـــنـــو مـــرزبـــانـــي نـــيـــامــــد پــــديــــد | جـــهـــان آفـــريـــن تـــا جـــهـــان آفـــريــــد | |
| زمــيــن شــد بــه كـــردار تـــابـــنـــده عـــاج | چـو خــورشــيــد بــر چــرخ بــنــمــود تــاج | |
| كـــزو در جـــهـــان روشـــنـــايــــي فــــزود | چـه گـويـم كـه خـورشـيـد تــابــان كــه بــود | |
| نــهــاد از بـــر تـــاج خـــورشـــيـــد تـــخـــت | ابــوالـــقـــاســـم آن شـــاه پـــيـــروزبـــخـــت | |
| پـــــديــــــد آمــــــد از فــــــر او كــــــان زر | زخـــاور بـــســـيـــار اســـت تـــا بـــاخـــتـــر | |
| بـه مـغـز انـدر انــديــشــه بــســيــار گــشــت | مــر اخـــتـــر خـــفـــتـــه بـــيـــدار گـــشـــت | |
| كـــنــــون نــــو شــــود روزگــــار كــــهــــن | بــــدانــــســــتــــم آمــــد زمــــان ســـــخـــــن | |
| بــخــفــتـــم شـــبـــي لـــب پـــر از آفـــريـــن | بـــر انـــديـــشـــه ي شـــهـــريـــار زمـــيــــن | |
| نــخــفـــتـــه گـــشـــاده دل و بـــســـتـــه لـــب | دل مــن چـــو نـــور انـــدر آن تـــيـــره شـــب | |
| كــه رخــشــنــده شــمــعـــي بـــر آمـــد زآب | چــنـــان ديـــد روشـــن روانـــم بـــه خـــواب | |
| از آن شــمــع گــشــتــي چــو يـــاقـــوت زرد | هـــمــــه روي گــــيــــتــــي شــــب لــــاژورد | |
| يـــكـــي تـــخـــت پـــيـــروزه پـــيـــدا شـــدي | در او دشــــت بــــرســــان ديــــبـــــا شـــــدي | |
| يــكـــي تـــاج بـــر ســـر بـــه جـــاي كـــلـــاه | نــشــســتــه بــرو شــهـــريـــاري چـــو مـــاه | |
| بــه دســت چــپــش هــفــتــســد ژنــده پــيـــل | رده بــر كــشــيــده ســـپـــاهـــش دو مـــيـــل | |
| بــــداد و بــــديــــن شــــاه را رهــــنــــمــــاي | يــكــي پــاك دســتــور پــيــشـــش بـــه پـــاي | |
| وز آن ژنــده پــيــلـــان و چـــنـــدان ســـپـــاه | مــرا خــيــره گــشــتــي ســـر از فـــر شـــاه | |
| از آن نــــامــــداران بــــپــــرســـــيـــــدمـــــي | چـــو آن چـــهـــره ي خـــســـروي ديـــدمـــي | |
| ســه تــار اســت پــيــش انــدرش يــا ســـپـــاه | كــه ايــن چــرخ و مــاه اســت يــا تــاج وگــاه | |
| زقـــنـــوج تــــا پــــيــــش دريــــاي ســــنــــد | يـكـي گـفـت كــايــن شــاه روم اســت و هــنــد | |
| بـــه راي و بـــه فــــرمــــان او زنــــده انــــد | بـــه ايــــران و تــــوران ورا بــــنــــده انــــد | |
| بــپــردخـــت از آن تـــاج بـــر ســـر نـــهـــاد | بــــيــــاراســــت روي زمــــيــــن را بـــــه داد | |
| بـه آبـشـخـور آرد هــمــي مــيــش و گــرگ | جـــهـــانـــدار مـــحـــمــــود شــــاه بــــزرگ | |
| بـــرو شـــهـــريـــاران كـــنـــنـــد آفـــريــــن | ز كــشــمــيــر تــا پـــيـــش دريـــاي چـــيـــن | |
| زگــهــواره مــحــمــود گــويـــد نـــخـــســـت | چـو كـودك لــب از شــيــر مــادر بــشــســت | |
| نـــيـــارد گــــذشــــتــــن ز پــــيــــمــــان اوي | نــه پــيــچــد كــســي ســـر زفـــرمـــان اوي | |
| بــــدو نــــام جــــاويـــــد جـــــويـــــنـــــده ي | تــو نــيــز آفــريــن كــن كــه گــويــنـــده ي | |
| چــه مــايــه شـــب تـــيـــره بـــودم بـــه پـــاي | چــو بــيــدار گــشــتــم بــجــســتــم زجـــاي | |
| نــــبــــودم درم جــــان بــــرافـــــشـــــانـــــدم | بـــر آن شـــهـــريـــار آفـــريـــن خـــوانـــدم | |
| كـــه آواز او بـــر جــــهــــان فــــرخ اســــت | بـه دل گـفــتــم ايــن خــواب را پــاســخ اســت | |
| بــر آن بــخـــت بـــيـــدار و فـــرخ زمـــيـــن | بـــر آن آفـــريـــن كـــو كـــنـــد آفــــريــــن | |
| هــوا پـــر ز ابـــر و زمـــيـــن پـــر نـــگـــار | ز فـــرش جـــهـــان شـــد چـــوبـــاغ بـــهـــار | |
| جــــهــــان شـــــد بـــــه كـــــردار بـــــاغ ارم | ز ابـــر انـــدر آمـــد بـــه هــــنــــگــــام نــــم | |
| كــجــا هــســت مــردم هـــمـــه يـــاد اوســـت | بــه ايــران هـــمـــه خـــوبـــي از داد اوســـت | |
| بـه رزم انــدرون تــيــز چــنــگ اژدهــاســت | بــه بــزم انـــدرون آســـمـــان ســـخـــاســـت | |
| بــه كــف ابــر بــهــمـــن بـــه دل رود نـــيـــل | بـه تـن ژنـده پـيــل و بــه جــان جــبــريــيــل | |
| چــو ديــنــار خــوارســت بـــر چـــشـــم اوي | ســـر بـــخـــت بـــدخـــواه بـــا خـــشـــم اوي | |
| نـــــه دل تـــــيـــــره دارد ز رزم و ز رنـــــج | نــه كــنــداوري گــيـــرد از بـــاج و گـــنـــج | |
| از آزاد و از نــــــيــــــك دل بــــــردگـــــــان | هـــر آن كـــس كــــه دارد ز پــــروردگــــان | |
| بــه فــرمــان بــبــســتــه كــمـــر اســـتـــوار | شــهــنــشــاه را ســربـــه ســـر دوســـت وار | |
| كـــه در مـــردمـــي كـــس نـــدارد هــــمــــال | نــخــســتــيــن بــرادرش كــهــتــر بــه ســال | |
| زيـــد شـــاد در ســـايـــه ي شـــاه عــــصــــر | ز گــيــتــي پــرســتــنــده ي فــر و نـــصـــر | |
| ســــر تــــخــــت او تــــاج پــــرويــــن بــــود | كــســي كــش پـــدر نـــاصـــرالـــديـــن بـــود | |
| كــه در جــنــگ بــر شــيــر دارد فــســـوس | وديــــگــــر دلــــاور ســــپــــهــــدار تـــــوس | |
| هــمـــي آفـــريـــن يـــابـــد از دهـــر بـــهـــر | بــبــخــشـــد درم هـــرچـــه يـــابـــد زدهـــر | |
| ســر شــاه خــواهــد كــه بــاشــد بـــه جـــاي | بـــه يـــزدان بـــود خـــلـــق را رهـــنـــمـــاي | |
| هــمــيـــشـــه بـــمـــانـــاد جـــاويـــد و شـــاد | جــهــان بــي ســر و تــاج خـــســـرو مـــبـــاد | |
| ز درد و غـــم آزاد و پــــيــــروز بــــخــــت | هــمــيــشــه تـــن آبـــاد بـــا تـــاج و تـــخـــت | |
Thursday, September 24, 2009
آغاز نامه - ستايش سلطان محمود
آغاز نامه - در داستان ابومنصور
| در داستان ابومنصور | ||
| يـــكـــي مـــهـــتـــري بــــود گــــردن فــــراز | بـــديـــن نـــامـــه چـــون دســـت كـــردم دراز | |
| خـــردمـــنـــد و بــــيــــدار و روشــــن روان | جـــوان بـــود و از گـــوهــــر پــــهــــلــــوان | |
| ســـخـــن گـــفـــتــــن خــــوب و آواي نــــرم | خـــــداونـــــد راي و خـــــداونـــــد شــــــرم | |
| كــه جــانــت ســخــن بــرگـــرايـــد هـــمـــي | مــرا گــفــت كــز مــن چـــه بـــايـــد هـــمـــي | |
| بـــكـــوشـــم نـــيـــازت نـــيـــارم بـــه كــــس | بــه چــيــزي كــه بــاشــد مـــرا دســـتـــرس | |
| كــه از بــاد نــامــد بــه مـــن بـــر نـــهـــيـــب | هــمــي داشــتــم چــون يــكــي تــازه ســـيـــب | |
| از آن نـــيـــك دل نـــامــــدار ارجــــمــــنــــد | بــه كـــيـــوان رســـيـــدم ز خـــاك نـــژنـــد | |
| كــريـــمـــي بـــدو يـــافـــتـــه زيـــب و فـــر | به چـشـمـش هـمـان خـاك و هـم سـيـم و زر | |
| جــــوانــــمـــــرد بـــــود و وفـــــادار بـــــود | ســراســر جــهــان پـــيـــش او خـــوار بـــود | |
| چـــو در بـــاغ ســـرو ســـهـــي از چــــمــــن | چــنــان نــامــور گـــمـــشـــد از انـــجـــمـــن | |
| بـــه دســـت نـــهـــنـــگـــان مـــردم كــــشــــان | نــه زو زنــده بــيــنـــم نـــه مـــرده نـــشـــان | |
| دريـــغ آن كـــيـــي بـــرز و بــــالــــاي شــــاه | دريـــغ آن كـــمـــربـــنـــد و آن گــــردگــــاه | |
| روان لـــرز لـــرزان بــــه كــــردار بــــيــــد | گــــرفــــتــــار زو دل شــــده نــــاامـــــيـــــد | |
| ز كـــــــژي روان ســــــــوي داد آوريــــــــم | يــــكــــي پــــنــــد آن شــــاه يـــــاد آوريـــــم | |
| گــرت گــفــتــه آيــد بــه شــاهـــان ســـپـــار | مــرا گــفــت كــايــن نــامـــه ي شـــهـــريـــار | |
آغاز نامه - گفتار اندر فراهم آوردن كتاب
| v | ||
| بـــر بـــاغ دانـــش هـــمــــه رفــــتــــه انــــد | سـخـن هـر چـه گـويـم هــمــه گــفــتــه انــد | |
| نــيــابــم كــه از بــر شـــدن نـــيـــســـت راي | اگـــر بــــر درخــــت بــــرومــــنــــد جــــاي | |
| هـــمـــان ســـايـــه زو بــــاز دارد گــــزنــــد | كــســي كــو شــود زيـــر نـــخـــل بـــلـــنـــد | |
| بــــر شــــاخ آن ســــرو ســــايــــه فــــكــــن | تـــوانـــم مـــگـــر پــــايــــه ي ســــاخــــتــــن | |
| بــه گــيـــتـــي بـــمـــانـــم يـــكـــي يـــادگـــار | كـــزيـــن نـــامـــور نـــامـــه ي شـــهـــريـــار | |
| بـــه رنـــگ فـــســـون و بـــهــــانــــه مــــدان | تــــو ايــــن را دروغ و فــــســــانــــه مــــدان | |
| دگـــر بـــر ره رمــــز و مــــعــــنــــي بــــرد | ازو هـــر چـــه انـــدر خــــورد بــــا خــــرد | |
| فـــــراوان بـــــدو انــــــدرون داســــــتــــــان | يـــكـــي نـــامـــه بـــود از گـــه بـــاســــتــــان | |
| ازو بـــهـــره يـــي نــــزد هــــر بــــخــــردي | پـــراگـــنــــده در دســــت هــــر مــــوبــــدي | |
| دلـــيـــر و بـــزرگ و خــــردمــــنــــد و راد | يـــكـــي پـــهـــلـــوان بـــود دهـــقــــان نــــژاد | |
| گــذشــتــه ســخــن هــا هــمــه بــاز جــســت | پـــژوهــــنــــده ي روزگــــار نــــخــــســــت | |
| بـــيـــاورد كـــايـــن نـــامـــه را بــــاد كــــرد | زهــر كــشـــوري مـــوبـــدي ســـالـــخـــورد | |
| وز آن نــــــامــــــداران فــــــرخ مــــــهـــــــان | بـــپـــرســـيـــدشـــان از كــــيــــان جــــهــــان | |
| كــه ايــدون بــه مــا خــوار بــگــذاشــتـــنـــد | كــه گــيــتــي بــه آغــاز چــون داشـــتـــنـــد | |
| بـــر ايـــشـــان هـــمـــه روز كـــنــــد آوري | چـه گــونــه ســرآمــد بــه نــيــك اخــتــري | |
| ســخــن هــاي شــاهــان و گـــشـــت جـــهـــان | بــگــفــتــنــد پــيــشــش يـــكـــايـــك مـــهـــان | |
| يـــكـــي نـــامـــور نـــامـــه افـــكــــنــــد بــــن | چـو بـشـنـيــد ازيــشــان ســپــهــبــد ســخــن | |
آغاز نامه - گفتار اندر ستايش پيغمبر
| گفتار اندر ستايش پيغمبر | ||
| در رســـتـــگـــاري بـــبــــايــــدت جــــســــت | تــــرا دانــــش و ديــــن رهــــانــــد درســــت | |
| نــخــواهــي كـــه دايـــم بـــوي مـــســـتـــنـــد | و گــز دل نــخــواهــي كــه بــاشــد نـــژنـــد | |
| دل از تـــيـــرگـــي هـــا بـــديـــن آب شــــوي | بــه گــفــتــار پـــيـــغـــمـــبـــرت راه جـــوي | |
| خــــداونــــد امــــر و خــــداونــــد نــــهـــــي | چـه گــفــت آن خــداونــد تــنــزيــل و وحــي | |
| نـــتـــابـــيـــد بـــركـــس ز بـــوبـــكـــر بــــه | كــه خــورشــيــد بــعـــد از رســـولـــان مـــه | |
| بــيــاراســـت گـــيـــتـــي چـــو بـــاغ بـــهـــار | عــــمــــر كــــرد اســــلــــام را آشـــــكـــــار | |
| خــــداونـــــد شـــــرم وخـــــداونـــــد ديـــــن | پــس از هــر دوان بــود عــثــمــان كـــزيـــن | |
| كــه او را بــه خــوبـــي ســـتـــايـــد رســـول | چـــهـــارم عـــلـــي بـــود جــــفــــت بــــتــــول | |
| درسـت ايـن ســخــن قــول پــيــغــمــبــرســت | كــه مــن شــهــر عــلــمــم عــلــيـــم درســـت | |
| تــو گــويــي دو گــوشـــم پـــر آواز اوســـت | گـواهـي دهــم كــايــن ســخــن هــا ز اوســت | |
| كـزيـشـان قـوي شــد بــه هــر گــونــه ديــن | عـلـي را چـنـيــن گــفــت و ديــگــر هــمــيــن | |
| بــه هــم بــســتــي يــكــديـــگـــر راســـت راه | نــبـــي آفـــتـــاب و صـــحـــابـــان چـــو مـــاه | |
| ســــتــــايــــنــــده ي خــــاك پــــاي وصـــــي | مـــنـــم بــــنــــده ي اهــــل بــــيــــت نــــبــــي | |
| بــرانــگـــيـــخـــتـــه مـــوج ازو تـــنـــد بـــاد | حــكــيــم ايــن جــهــان را چــو دريــا نــهـــاد | |
| هـــمـــه بـــادبـــان هـــا بـــرافــــروخــــتــــه | چــو هــفــتــاد كــشــتـــي بـــرو ســـاخـــتـــه | |
| بــيــاراســتــه هــمــچــو چـــشـــم خـــروس | يــكــي پــهــن كــشــتــي بـــه ســـان عـــروس | |
| هــــمــــان اهــــل بــــيــــت نــــبــــي و ولــــي | مـــحــــمــــد بــــدو انــــدرون بــــا عــــلــــي | |
| كـــرانـــه نـــه پـــيـــدا و بـــن نــــاپــــديــــد | خــــردمــــنــــد كــــز دور دريــــا بــــديــــد | |
| كــس از غــرق بــيــرون نــخــواهــد شـــدن | بـــدانـــســــت كــــو مــــوج خــــواهــــد زدن | |
| شـــوم غـــرقـــه تـــاج و لــــوا و ســــريــــر | بـــه دل گـــغـــت اگـــر بـــا نـــبـــي و وصـــي | |
| هــمــان چــشــمــه ي شــيــر و مــا مــعــيـــن | خـــداونـــد جــــوي مــــي و انــــگــــبــــيــــن | |
| بـــه نـــزد نـــبـــي و عـــلـــي گـــيـــر جـــاي | اگـــر چـــشـــم داري بـــه ديـــگـــر ســـراي | |
| چــنــيــن اســت و ايــن ديــن وراه مــنـــســـت | گــرت زيـــن بـــد آيـــد گـــنـــاه مـــنـــســـت | |
| چـــنـــان دان كــــه خــــاك پــــي حــــيــــدرم | بـــريـــن زادم و هــــم بــــريــــن بــــگــــذرم | |
| تــرا دشــمــن انــدر جــهــان خــود دلـــســـت | دلـــت گـــر بـــه راه خـــطـــا مـــايـــلـــســــت | |
| كــه يـــزدان بـــه آتـــش بـــســـوزد تـــنـــش | نــبــاشـــد جـــز از بـــي پـــدر دشـــمـــنـــش | |
| ازو زارتـــر در جـــهـــان زار كــــيــــســــت | هر آن كس كـه در جـانـش بـغـض عـلـيـسـت | |
| نــه بــرگــردي از نــيــك پــي هــمـــرهـــان | نـــگـــر تـــا نـــداري بـــه بــــازي جــــهــــان | |
| چــو بــا نــيــكــنــامـــان بـــوي هـــمـــنـــورد | هــمـــه نـــيـــكـــيـــت بـــايـــد آغـــاز كـــرد | |
آغاز نامه - در آفرينش ماه
| در آفرينش ماه | ||
| بــه بــد تــا تــوانــي تــو هــرگــز مـــپـــيـــچ | چــراغــســت مــر تــيــره شــب را بــســيـــچ | |
| شـــود تـــيـــره گـــيـــتـــي بـــدو روشـــنــــا | چـــو ســـي روز گـــردش بـــپـــيـــمـــايــــدا | |
| چـو پـشـت كــســي كــو غــم عــشــق خــورد | پـــديـــد آيـــد آنــــگــــاه بــــاريــــك و زرد | |
| هـــم انـــدر زمــــان او شــــود نــــاپــــديــــد | چـــو بـــيـــنـــنـــده ديـــدارش از دور ديــــد | |
| هـــم انـــدر زمــــان او شــــود نــــاپــــديــــد | دگـــر بـــيـــنـــنـــده ديـــدارش از دور ديـــد | |
| تـــرا روشـــنـــايـــي دهــــد بــــيــــشــــتــــر | دگــر شــب نــمــايــش كــنـــد بـــيـــشـــتـــر | |
| بــدان بــازگــردد كـــه بـــود از نـــخـــســـت | بـــدو هـــفـــتـــه گـــردد تـــمـــام و درســـت | |
| بــه خــورشــيــد تــابــنـــده نـــزديـــك تـــر | بـــود هـــر شـــبـــانـــگـــاه بـــاريــــك تــــر | |
آغاز نامه - گفتار اندر آفرينش آفتاب
| گفتار اندر آفرينش آفتاب | ||
| نـــه از آب و گــــرد و نــــه از بــــاد و دود | ز يــاقـــوت ســـرخـــســـت چـــرخ كـــبـــود | |
| بـــيـــاراســـتـــه چـــون بـــه نـــوروز بــــاغ | بـه چـنـديـن فـروغ و بــه چــنــديــن چــراغ | |
| كـــزو روشـــنـــايـــي گـــرفـــتـــســـت روز | روان انـــــدرو گـــــوهــــــر دلــــــفــــــروز | |
| نـــبـــاشـــد ازيـــن يـــك روش راســـت تـــر | ز خــــاور بــــرآيــــد ســــوي بــــاخــــتــــر | |
آغاز نامه - گفتار اندر آفرينش مردم
| گفتار اندر آفرينش مردم | ||
| شــد ايــن بــنــدهــا را ســراســـر كـــلـــيـــد | چــو زيــن بـــگـــذري مـــردم آمـــد پـــديـــد | |
| بــه گــفــتــار خــوب و خـــرد كـــار بـــنـــد | سـرش راســت بــرشــد چــو ســرو بــلــنــد | |
| مــــــر او را دد و دام فــــــرمــــــان بـــــــرد | پــــذيــــرنــــده ي هــــوش و راي و خـــــرد | |
| كــه مــردم بــه مــعــنــي چــه بــاشــد يــكـــي | ز راه خـــــرد بـــــنـــــگـــــري انـــــدكــــــي | |
| جـــز ايـــن را نـــشـــانـــي نـــدانـــي هـــمـــي | مــگــر مــردمــي خــيــره خــواهـــي هـــمـــي | |
| بــه چــنــديــن مــيــانــچــي بــپــرورده انـــد | تــــرا از دو گــــيــــتــــي بـــــرآورده انـــــد | |
| تــويــي خــويــشــتـــن را بـــه بـــازي مـــدار | نــخــســتــيــن فــطــرت پــســيـــن شـــمـــار | |
| چــــه دانــــيــــم راز جــــهــــان آفـــــريـــــن | شـــنـــيـــدم ز دانـــا دگـــر گــــونــــه زيــــن | |
| چــو كــاري بــيـــابـــي ازيـــن بـــه گـــزيـــن | نــگــه كــن ســرانــجــام خـــود را بـــبـــيـــن | |
| كـه خـود رنــج بــردن بــه دانــش ســزاســت | بـــه رنـــج انـــدر آري تـــنـــت را رواســــت | |
| ســــر انــــدر نــــيـــــاري بـــــه دام بـــــلـــــا | چــو خــواهــي كــه يــابــي زهــر بـــد رهـــا | |
| كـــه درمـــان ازويـــســـت وزويـــســــت درد | نــگــه كــن بــديــن گــنـــبـــد تـــيـــز گـــرد | |
| نـــه آن رنـــج و تـــيـــمـــار بـــگـــزايــــدش | نـــه گـــشـــت زمـــانـــه بـــفــــرســــايــــدش | |
| نــه چــون مــا تــبـــاهـــي پـــذيـــرد هـــمـــي | نـــه از جـــنـــبـــش آرام گـــيـــرد هــــمــــي | |
Subscribe to:
Comments (Atom)